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जाने कैसे खरीदें चांद पर जमीन,जाने प्लॉट की किमत

नई दिल्ली – भारत ने चंद्रयान-3 के साउथ पोल पर सफलता से अपना झंडा लहरा दिया है। एक मिशन चांद पर इंसानी बस्ती बसाने का भी है। चंद्रयान-3 की सफलता से ही चांद पर जमीन खरीदने का मुद्दा भी एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। बॉलीवुड के सितारों से लेकर आम आदमी तक चाँद पर जमीन खरीद सकते है। देश में कई लोगों ने चांद पर जमीन बेचने का धंधा शुरू कर दिया था।दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने चांद पर जमीन खरीदी थी। सुशांत ने तब दावा किया था कि उन्होंने चांद पर जमीन इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री से खरीदी थी।

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पूरी दुनिया ने भारत की बड़ी उपलब्धि को खुले दिल से ‘सेल्‍यूट’ किया। इस एक बड़ी सफलता से भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में मीलों लंबी छलांग लगाई है। चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। देश की कई वेबसाइट के जरिए चांद पर जमीन बेची जा रही है,इतना ही नहीं, चांद पर जमीन बेचने के साथ ही उसके रजिस्ट्री जैसे कागज या सर्टिफिकेट भी दिए जा रहे हैं।जाने क्या है इस बात की सच्चाई,सच में जमीन खरीदना मुमकिन है क्या ?

भारत ही नहीं बल्कि दुनिया कई देशों के लोग चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। दुनिया में दो संस्थाएं लूना सोसाइटी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री चांद पर जमीन बेचने का दावा करती हैं। दुनिया के देशो ने उन्हें चांद पर जमीन बेचने के लिए अथॉराइज किया है।दुनिया देशो के कानून के हिसाब से किसी चांद, सितारे और अन्य खगोलीय वस्तु किसी का अपना आधिपत्य नहीं। उपग्रहों पर किसी भी एक देश या व्यक्ति का अधिकार नहीं है।

लूना सोसाइटी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल लूनर लैंड्स वेबसाइट आपको चांद पर जमीन खरीदने का ऑफर देती हैं और आप जब पेमेंट करते हैं तो आपको कागज भी मिलते हैं। इन वेबसाइट पर आप ऑनलाइन पेमेंट करके जमीन खरीद सकते हैं। वेबसाइट द्रारा आपको सिर्फ एक सर्टिफिकेट मिलता है। उनकी कोई क़ानूनी मान्यता नहीं है। लोग सिर्फ अपनी ख़ुशी और बढ़ावा दिखाने के लिए करते है।

वेबसाइट द्रारा ये जमीन खरीदने के लिए आपको सारे डॉक्यूमेंट ऑनलाइन भेजने होते है जिसकी कीमत आपको करीब 30 से 40 डॉलर प्रति एकड़ के हिसाब से भारतीय करेंसी के हिसाब से यह कीमत 3000 के आसपास होती है। यह कीमत बहुत कम है। पर लोग भावनाओं में बहकर रजिस्ट्री करा लेते हैं। हालांकि यह रजिस्ट्री महज कागज का टुकड़ा है। इसकी वजह यह है कि कानून की नजर में इस रजिस्ट्री की कोई अहमियत नहीं है।हाल ही में गुजरात के छोटे कारभार सभांलने वाले शख्स ने अपनी भाजिओ के लिए चाँद पर जमीन का टुकड़ा ख़रीदा है।

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